अदबी संस्था इशरत एकेडमी के तत्वाधान में एक तरहई शेरी नशिस्त का आयोजन रज़िया महल में किया गया। जिसमें महेंद्र सिहं अश्क नजीबाबादी को उनकी अदबी सेवा के उपलक्ष में शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। नशिस्त का शुभारंभ सुलेमान अंसारी द्वारा शमा रोशन करके किया गया। नशिस्त में आफ़ताब नौमानी ने कहा कि- या खुदा तुझे भी मेरी खबर नहीं, बागे जां में हशर बरपा है समर कोई नहीं। महेंद्र सिहं अश्क ने कहा कि- लोग पागल हो गए ऐसी खबर कोई नहीं, अब दरिचा शहर में खुलता मगर कोई नहीं। कलीम जावेद ने कहा कि- जिसपे हम बैठें परिंदों की तरह बातें करें, क्या हमारे मुल्क में ऐसा शजर कोई नहीं। आसिफ अंदाज ने कहां कि- जख्म तो काफी हैं लेकिन चरागा कोई नहीं, जिंदगी के रास्ते में हमसफ़र कोई नहीं। शनावर किरतपुरी ने कहा कि- मां के रिश्ते से ज्यादा मोअतबर कोई नहीं, फिक्र है बच्चों की और अपनी खबर कोई नहीं। इनके अलावा अख्तर मुल्तानी, असर किरतपुरी, एहतेशाम तिशना, हैदर किरतपुरी, गौहर किरतपुरी, शाकिर किरतपुरी, ज़िया किरतपुरी, अब्दुल हई सबा भागुवाला, इल्यास जलालाबादी, शाकिर नजीबाबादी, अंसर बिजनौरी ने भी अपने अपने कलाम पेश किये। फैसल खान, आदिल खान , समीर रंगरेज़, शुऐब राणा, मूसा कुरैशी, यूसुफ खान, शुऐब मिर्ज़ा, कारी हुजैफ़ा, देवेश रस्तोगी आदि रहे।
नगर मे तरहई शेरी नशिस्त का आयोजन महेन्द्र सिंह अश्क हुए सम्मानित , शायरों ने बांधा समां